MP बोर्ड रिजल्ट 2025: उज्जैन की सुहानी प्रजापति ने मारी बाजी, 99.4% अंकों के साथ प्रदेश में चौथा स्थान; सीएम बोले – हर विद्यार्थी को मिलेगा दूसरा मौका!

उज्जैन लाइव, उज्जैन, श्रुति घुरैया:

मध्यप्रदेश माध्यमिक शिक्षा मंडल (MPBSE) ने मंगलवार, 6 मई 2025 को 10वीं और 12वीं कक्षा के बहुप्रतीक्षित परीक्षा परिणाम घोषित कर दिए हैं। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने राजधानी भोपाल स्थित मुख्यमंत्री निवास से रिजल्ट का डिजिटल शुभारंभ किया। इस बार राज्यभर से 9 लाख 53 हजार छात्रों ने 10वीं परीक्षा दी, जिनमें से 76.22% छात्र-छात्राएं सफल घोषित हुए। लेकिन इस साल के रिजल्ट में एक नाम ने सभी की निगाहें अपनी ओर खींच ली — उज्जैन की सुहानी प्रजापति

शास्त्री नगर स्थित सरकारी उत्कृष्ट स्कूल की छात्रा सुहानी प्रजापति ने 99.4% अंक हासिल करते हुए पूरे प्रदेश में चौथा स्थान प्राप्त किया है। सुहानी ने 500 में से 497 अंक अर्जित किए हैं और अपनी मेहनत, अनुशासन और माता-पिता व शिक्षकों के आशीर्वाद से यह मुकाम हासिल किया। सुहानी ने बताया कि वह रोजाना लगभग 5 घंटे नियमित पढ़ाई करती थीं और मोबाइल से दूरी बनाकर पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित किया। उनकी आगे की योजना 12वीं में मैथ्स ग्रुप लेकर इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने की है। इस शानदार सफलता का श्रेय वे अपने पिता उत्तम प्रजापति, मां सविता प्रजापति, और अपने शिक्षकों को देती हैं।

वहीं, प्रदेश में टॉप करने वाली सिंगरौली की प्रज्ञा जायसवाल ने 500 में से पूरे 500 अंक प्राप्त कर इतिहास रच दिया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस उपलब्धि पर सभी मेधावी छात्रों को बधाई दी और एक बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि जो छात्र असफल रहे हैं, उन्हें खुद को फेल मानने की जरूरत नहीं है। उन्हें 17 जून से दोबारा परीक्षा का अवसर मिलेगा। यह नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत दी जा रही सुविधा है, जिससे मध्यप्रदेश देश का तीसरा ऐसा राज्य बन गया है जो छात्रों को सुधार का मौका दे रहा है।

उज्जैन जिले की बात करें तो इस बार कुल 24,174 परीक्षार्थियों ने हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी परीक्षाएं दीं। इनमें उज्जैन शहर से 8,761, घट्टिया से 991, खाचरौद से 4,754, बड़नगर से 3,502, महिदपुर से 3,315 और तराना से 2,851 छात्र शामिल हुए, जिनमें प्राइवेट परीक्षार्थी भी बड़ी संख्या में थे।

बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर बोलते हुए राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज की एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. रुचि सोनी ने कहा कि बोर्ड परीक्षा परिणाम महत्वपूर्ण जरूर हैं, लेकिन ये जीवन की अंतिम कसौटी नहीं हैं। असफलता को विफलता न मानें, बल्कि उसे सीखने और मजबूत बनने का मौका समझें। उन्होंने अभिभावकों और शिक्षकों से अपील की कि वे बच्चों को नंबरों की दौड़ में धकेलने की बजाय उनकी रुचियों और क्षमताओं को समझें और सहयोग करें।

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